किसान के खेत की जगह कागजों में 'बीज'  दिए मूंग

दिनेश कुमार स्वामी

बीकानेर. किसानों को पिछले साल खरीफ की बुवाई के दौरान खेत में बोने के लिए सरकार की ओर से जारी किए गए उन्नत किस्म के मूंग के बीजों की किट को वितरण व्यवस्था के कार्मिकों ने कागजों में ही निपटा दिया। पांच हजार से अधिक किसानों को मुफ्त में देने के लिए कृषि विभाग को मिली मूंग की चार किलो की थैली कहां गई, यह किसी को पता नहीं। बस थैली जिस किसान को देना रेकॉर्ड में दर्ज है, उस तक नहीं पहुंची। पत्रिका ने खाजूवाला क्षेत्र की कुछ ग्राम पंचायतों के जिन किसानों को मूंग के बीज बांटना रेकॉर्ड में दर्ज है, उनकी पड़ताल की, तो हैरान करने वाला सच सामने आया। रेकॉर्ड में कुछ किसानों के नाम तो फर्जी लिखे हुए है। कुछ के नाम तो दर्ज किए गए लेकिन, उन्हें बीज की किट मिली ही नहीं। जबकि कुछ किसानों के नाम दो-दो बार लिखकर कागजी खानापूर्ति की हुई है।


किसानों को रबी और खरीफ की फसल के दौरान उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने के लिए सरकार बीज निगम, कृषि अनुसंधान केन्द्रों व अन्य बीज उत्पादकों से बीज तैयार करवाती है। रबी में जहां चने का बीज बांटा गया, वहीं खरीफ में पिछले साल मूंग की पांच हजार से अधिक किट वितरित करने के लिए कृषि विभाग को दी गई। जिन्हें बीकानेर और छत्तरगढ़ डिप्टी डायरेक्टर कृषि विस्तार के माध्यम से कृषि पर्यवेक्षकों के पास भेजी गई। यहां तक तो सब ठीक चला लेकिन कृषि ग्राम सेवकों के माध्यम से किसान तक पहुंचने में बीज गायब हो गया।


फर्जीवाड़ा की बानगी
खाजूवाला क्षेत्र के 34 केवाईडी, 40 केवाईडी, गुल्लूवाली, 14 बीडी, 20 बीडी, 7 पीएचएम आदि ग्राम पंचायतों के कृषि पर्यवेक्षकों की ओर से मूंग वितरण करने वाले किसानों की सूची की पड़ताल की गई। इसमें पाया गया कि कृषि पर्यवेक्षक 34 केवाईडी ने मूंग बीज लेने वालों की विभाग को 710 किसानों की जमा कराई। सूची में राजबाला-दिलावरचंद नायक, संतोष-तारूराम, कमलादेवी-मोमनराम, सीमा-राकेश कुमार, करमजीत कौर-सुखजीवन ङ्क्षसह, अमनदीप कौर-अमृपाल ङ्क्षसह जैसे दर्जनों नाम ऐसे हैं, जो बताए गांव में रहते ही नहीं हैं। इसी तरह बिरमा-हनुमान, विद्या-रामेश्वर जैसे नाम लिखे हुए हैं, जिनसे बात करने पर पता चला कि उन्हें पिछले साल बीज दिया ही नहीं गया।


नाम दर्ज, बीज नहीं मिला
गांव चार पीएचएम के अंगुरी-सोमदत्त, रामप्यारी-राजाराम बिश्नोई, हीरादेवी-रामङ्क्षसह राजपूत, इमरावती-मोहनलाल बिश्नोई, सात पीएचएम की संतोष देवी-कृष्णलाल बिश्नोई, आरती-जगदीश ङ्क्षसह राजपूत, मंजूदेवी-सोहनलाल बिश्नोई समेत दर्जनों नाम ऐसे हैं जिनका नाम दर्ज है लेकिन बीज नहीं पहुंचा। इसी तरह सात पीएचएम की पेमादेवी, रोशन खातून, कैलाश देवी, सरस्वती, कविता जैसे कई नाम दो-दो बार दर्ज कर उनके नाम से बीज उठाने का फर्जीवाड़ा किया गया है। कुछ नाम ऐसे हैं, जो एक ही परिवार के सभी सदस्यों के दर्ज कर उनके नाम से बीज देना दिखाया गया है।

जांच करवा रहे हैं
खरीफ में मूंग बीज वितरण में गड़बड़ी को लेकर कुछ समय पहले शिकायत मिली थी। ऐसे में संबंधित कृषि पर्यवेक्षकों से जवाब मांगा गया है। अभी मामले की जांच करवा रहे हैं। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-रामकिशोर मेहरा, अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार बीकानेर


फर्जीवाड़ा कर हजम कर गए बीज
कृषि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से किसान को बांटने के लिए आने वाले बीज का हर साल फर्जीवाड़ा होता है। खरीफ में मूंग वितरण की गड़बड़ी के बारे में कृषि विभाग के एडी को गत 7 मार्च को अवगत कराया था। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
- शम्भू सिंह राठौड़, प्रगतिशील किसान



source https://www.patrika.com/bikaner-news/bikaner-news-10101-7457664/

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