एक्सप्रेस हाइवे पर रेंग रहे अफसर

-दिनेश स्वामी

बीकानेर. राजस्व नियमों की उलझन, केन्द्र व राज्य में अलग-अलग दलों की सरकार और अफसरों का फाइलों को आगे बढ़ाने की कछुआ चाल में इलाके के भूमि पुत्र परेशान है। केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी अमृतसर-कांदला ६ लेन इकोनोमिक कॉरिडोर का एक्सपे्रस हाइवे के लिए अवाप्त किसानों की भूमि के प्रथम व द्वितीय अवार्ड दो साल के अंतराल पर आए है। अभी भी भूमि के तीसरा आवार्ड आने का इंतजार है। इसमें भूमि अवाप्ति अधिकारी यानि एसडीएम के राजस्व नियमों को लेकर अलग-अलग नजरियों ने भी किसानों को उलझा रखा है। किसानों ने मध्यस्थ (भू-अवाप्ति) अधिकारी जिला कलक्टर के पास १५० से ज्यादा अपीलंे कर रखी है। जिनका निस्तारण अब कलक्टर के स्तर पर किया जा रहा है।

एक्सप्रेस हाइवे का बीकानेर जिले के लूणकरनसर, बीकानेर और नोखा उपखण्ड क्षेत्र में करीब १५५ किलोमीटर हिस्सा गुजर रहा है। इसके लिए अवाप्त कृषि भूमि की सिंचित, असिंचित, स्ट्रक्चर यानि निर्मित ढांचा, विलेज रोड की मुआवजा दर अलग-अलग है। भूमि अवाप्ति अधिकारी तीनों एसडीएम की ओर से पहले कुछ किसानों की सिंचित भूमि का असिंचित दर से अवार्ड पारित कर दिया गया। जिस पर किसानों को कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़े। फिर खेत में निर्मित नलकूप, डिग्गी, जलहोज, पॉली हाउस, पशु बाड़ा जैसे पक्के निर्माण का कुछ किसानों को अवार्ड देने से वंचित कर दिया गया। इसके बाद तीसरे मामले विलेज रोड को लेकर सामने आए है। जिनमें लूणकरनसर और नोखा उपखण्ड अधिकारी ने प्रथम अवार्ड में विलेज रोड के प्रावधान को मानते हुए उसकी दर से अवार्ड बनाए लेकिन, बीकानेर उपखण्ड अधिकारी ने प्रथम अवार्ड में विलेज रोड के फायदे से किसानों को वंचित कर दिया।

अधिकारी बदले तो नजरिया बदला

दूसरे अवार्ड में बीकानेर में कुछ प्रभावित किसानों को विलेज रोड का फायदा दिया गया। तब उपखण्ड अधिकारी अलग थे और प्रथम अवार्ड में अलग। यानि अधिकारी बदलने के साथ ही राजस्व नियमों को लेकर नजरिया बदल गया। अब प्रथम अवार्ड में विलेज रोड के फायदे से वंचित किसान की जिला कलक्टर के पास अपीलों का अम्बार लग रहा है। जिला कलक्टर ने कुछ प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई कर किसानों को राहत दी है लेकिन अभी भी वंचित किसानों की तादाद बड़ी है।

एसडीएम कार्यालयों में सैकड़ों मामले लम्बित

बीकानेर, नोखा और लूणकरनसर उपखण्ड कार्यालयों में हाइवे के लिए अवाप्त भूमि के संबंध में रही राजस्व त्रुटियों के सैकड़ों मामले लम्बित है। परन्तु पूर्व में अधिकारी के किए निर्णय को पलटना नहीं चाहते। एेसे में किसानों को उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के चक्कर काटने के बाद अब जिला कलक्टर कार्यालय आना पड़ रहा है।

मुआवजा राशि जारी करने की यह रफ्तार

प्रथम भूमि अवार्ड - जून २०१९ जारी
प्रथम स्ट्रक्चर अवार्ड - जून २०१९ जारी

द्वितीय भूमि अवार्ड - मार्च २०२१ जारी
द्वितीय स्ट्रक्चर अवार्ड- अभी लम्बित

तृतीय भूमि अवार्ड- अभी लम्बित
विलेज रोड बेनीफिट- अभी बकाया

हम चाहते है जल्दी से जल्दी हो निपटारा

किसानों की अवाप्त भूमि के अवार्ड का भुगतान जल्द से जल्द करना चाहते है। भू अवाप्ति के सक्षम अधिकारी के साथ बैठक भी की है। हम भी चाहते है कि किसानों को बेवजह इंतजार नहीं करना पड़े।

-मोहम्मद सफी, परियोजना निदेशक, भारतमाला पीटीयू हनुमानगढ़



source https://www.patrika.com/bikaner-news/amritsar-kandla-6-lane-highway-7034481/

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