‘चुनाव रैल्यों सूं डरे कोरोना नियम हुवे तार तार’

बीकानेर. ‘आम जन पर नियमों री डोरी, आ है सब री मजबूरी’, ‘ चुनाव रैल्यो सूं डरे कोरोना, नियम हुवे तार तार’, तथा ‘गैस सिलेण्डर खान-पान रा बढग्या भारी दाम’ सरीखे कटाक्ष बारह गुवाड़ चौक में मंचित होने वाली स्वांग मेहरी रम्मत के माध्यम से किए जाएंगे। उस्ताद बंशीधर ओझा के निर्देशन में 26 मार्च की सुबह मंचित होने वाली रम्मत का आगाज भगवान गणेश स्वरूप के अखाड़े में पदार्पण के साथ होगा। स्तुती गान किया जाएगा। स्वांग पात्र अच्छे जमाने की कामना करेंगे। रम्मत कलाकार अलाप, लावणी, चौमासा और ख्याल गीत प्रस्तुत करेंगे। रम्मत के दौरान पारम्परिक लावणी गीत ‘घूंघट पट देवो खोल’ का गायान किया जाएगा। वहीं चौमासा गीत ‘हाथ जोड अरज करुं पिया, परदेशा नहीं है जाना’ का गायन किया जाएगा। रम्मत का महाभ्यास मंगलवार को बारह गुवाड़ चौक में सम्पन्न हुआ।

 

 

भू धरा पर प्रकट भयो कोरोना पिशाच
स्वांग मेहरी रम्मत में पिछले एक साल से कोरोना महामारी से परेशान विश्व की समस्या को ‘भू धरा पर प्रकट भयो है कोरोना पिशाच, हो रक्त बीज शैतान ’ के माध्यम से रेखांकित करते हुए कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना आमजन को बचाने में जुटे डॉक्टरो, पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मचारियों को सलाम किया गया है। ‘पुलिस ने ड्यूटी निभाई, स्वीपर ने करी सफाई, सलाम करे थोने भारत वासी, थे सब हिन्द देश री शान’। वहीं कोरोना को लेकर आमजन पर सख्ताई करने और चुनावी प्रचार में खुल्लेआम उड़ रही धज्जियों को भी रम्मत कलाकार ‘आम जन पर नियमों री डोरी, आ है सब री मजबूरी’, ‘ चुनाव रैल्यो सूं डरे कोरोना, नियम हुवे तार तार’ के माध्यम से कटाक्ष किया जाएगा। लगातार बढ़ रही महंगाई से आमजन को हरी परेशानाी को ‘बेहद बढग्यी महंगाई क्यो कर रह्या थे नकटाई, पेट्रोल री रेट बढ़ाई, भारी लूट मचाई, गैस सिलेण्डर खान-पान रा बढग्या भारी दाम’ के माध्यम से व्यंग्य किया जाएगा।

 

 

भारत मां के शेरों ने राखी देश री शान
चीन सीमा पर देश के बहादुर जवानों के अदम्य साहस और वीरता को भी ख्याल गीत के माध्यम से प्रकट किया जाएगा। ‘सीमा पे चीन गुर्राया, गलवान से देश में आया, सेना ने परचम ढाया, गीदड़ ज्यू मांद में समाया, भारत के शेरों ने राखी देश री शान, हो जय जय वीर जवान ’ के माध्यम से जवानों की वीरता और बहादुरी को सलाम किया जाएगा।


बारह गुवाड़ चौक
रम्मत - स्वांग मेहरी
संस्थान - जबरेश्वर नाट्य कला संस्थान
रम्मत का मंचन - 25 की रात व 26 की सुबह
अखाड़ा - तनसुख दास रंगा
उस्ताद - बंशीधर ओझा
कलाकार - जुगल किशोर ओझा, नवल उपाध्याय, जेठमल ओझा, काचिया महाराज, आर के सूरदासाणी, चन्द्रशेखर, विजय कुमार, नमामी शंकर, परमेश्वर, गोपाल ओझा, भोली सरदार, शिवदत्त, आनन्द, गणेश छंगाणी, महेन्द्र ओझा, रामसा छंगाणी, कान्हा, आनन्द, राम ओझा
नगाड़ा - दामोदर ओझा, अभिषेक छंगाणी, गोपाल पुरोहित
मेहरी -दीपक, विजय शंकर हर्ष



source https://www.patrika.com/bikaner-news/corona-rules-scared-at-election-rallies-6763218/

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