नन्दी गोशाला में रखे जाए बेसहारा पशु

बीकानेर. नगर निगम की पूगल रोड स्थित नन्दी गोशाला में बेसहारा पशुओं को रखने के लिए अब पूर्व पार्षद आगे आए है। मंगलवार को निगम के कई पूर्व पार्षदों ने आयुक्त से मुलाकात कर पिछले आठ महीने से गोशाला में पशु नहीं रखने की कार्यवाही पर रोष जताया। आयुक्त को सौंपे ज्ञापन में पार्षदों ने बताया कि शहरवासियों को बेसहारा पशुओं की समस्या से निजात दिलवाने के लिए भाजपा सरकार और भाजपा बोर्ड के दौरान इस गोशाला को शुरू किया गया था। इसके लिए भाजपा पार्षदों व पार्टी पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन कर इसे शुरू करवाया।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अपनी बजट घोषणा में नन्दी गोशाला की घोषणा की, जिसके तहत इसकी शुरूआत हुई। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही इस गोशाला की उपेक्षा शुरू हो गई है। सडक़ों से बेसहारा पशुओं को नहीं पकडऩा और नन्दी गोशाला में नहीं रखना शहर हित में नहीं है। पूर्व पार्षदों ने नन्दी गोशाला में पशु नहीं रखने, सडक़ों से पशुओं को पकडऩे के बंद काम आदि पर सवाल उठाए है। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका शहर की सडक़ों पर खुले में घूम रहे बेसहारा पशुओं को निगम गोशाला में रखने का मुद्दा लगातार उठा रहा है।

अनशन की चेतावनी
पूर्व पार्षदों ने आयुक्त को सौंपे ज्ञापन में नन्दी गोशाला के पुन: सुचारू रूप से संचालन शुरू नहीं होने की स्थिति में आन्दोलन करने और आमरण अनशन की चेतावनी दी है। आयुक्त को बताया कि पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षद शहर के गौसेवकों के साथ आन्दोलन करने को मजबूर होगी। इस दौरान पूर्व उप महापौर अशोक आचार्य, राजेन्द्र शर्मा, भगवतीप्रसाद गौड, मोहम्मद ताहिर, श्याम सुन्दर चांडक, नरेश जोशी, शम्भु गहलोत, तेजाराम राव, जगदीश मोदी, मधुसूदन शर्मा, पंकज गहलोत, रमेश सैनी, आनन्द सोनी, टेक चंद यादव, दीपक व्यास आदि मौजूद रहे।



source https://www.patrika.com/bikaner-news/destitute-animals-should-be-kept-in-nandi-gaushala-6602287/

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