नहीं निकला अलम का जुलूस

बीकानेर. मोहर्रम की दसवी तारीख पर घर-घर में हजरत इमाम हुसैन को याद किया जाएगा। उनकी शहादत को सलाम किया जाएगा। कोरोना के कारण इस बार धार्मिक आयोजनों पर लगी पाबंदी के कारण 29 अगस्त को ताजिये नहीं निकाले जाएंगे व अपने मकामी स्थानों पर नहीं बैठेंगे। मोहर्रम पर घरों में ही हजरत इमाम हुसैन को याद किया जाएगा। इस दिन आशूरा का रोजा रखा जाएगा।


हाफिज फरमान अली के अनुसार कोरोना के कारण इस बार सरकार और प्रशासन की ओर से कोरोना को लेकर जारी किए गए निर्देशों की पालना में अलम का जुलूस नहीं निकाला गया। मोहर्रम पर ताजियों को जियारत के लिए बाहर नहीं निकाले जाएंगे। मोहल्ला चूनगरान में पिछले करीब ग्यारह महीनों से बिसरात अली, जावेद पेंटर, गुलाम अजमेरी, रोशन पेंटर, रफीक पेंटर, बिलाल, शबीर, अनवर, रजाक, इरफान अहमद हसन आदि कई ताजिया कलाकार ताजिये को मुगल शैली की चित्रकारी की बारीक नक्काशी से तैयार करने में जुटे हुए है। बिसारत अली के अनुसार ताजिये बनाने का काम लगभग पूरे साल चलता रहता है।



source https://www.patrika.com/bikaner-news/moharram-2020-6370018/

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