कोरोना का कहर, 29 दिन 39 मौत

बीकानेर। बीकानेर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। गत माह की अपेक्षा अगस्त में संक्रमण डेढ़ गुना है। मौतें भी ज्यादा हो रही है। जुलाई के 29 दिनों में 32 मौत हुई थी जबकि अगस्त माह के 29 दिनों में ही 39 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि महिने के तीन दिन शेष है। जिले में कोरोना से संक्रमित 85 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से मरने वालों का प्रतिशत भले ही 1.7 हो लेकिन हर दिन होने वाली मौतें चिंता की बात है।

संक्रमित युवा और मौत बुजुर्गों की ज्यादा
कोरोना का कहर बुजुर्गों पर ज्यादा घात कर रहा है। युवा सर्वाधिक संक्रमित हो रहे हैं। २१ से ४० साल तक के १४२० पुरुष और ६४७ महिलाएं संक्रमित हुई है यानि पुरुषों के मुकाबले युवा महिला वर्ग कम संक्रमित हो रही है। इन दोनों वर्गों का कुल सैम्पलों में संक्रमण का प्रतिशत २३-२३ हैं। इसी प्रकार मरने वालों में ५१ से अधिक उम्र वालों की संख्या ज्यादा है। अब तक जिले में हुई कुल मौतों में से ६२ बुजुर्गों की मौत हुई है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि कोरोना बुजुर्गों की जान का दुश्मन है।


पीबीएम में इतने कोरोना संक्रमितों की मौत
पीबीएम अस्पताल में अब तक ९९ कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी हैं। मरने वालों में ८५ बीकानेर, सात नागौर, तीन श्रीगंगानगर, चूरू तीन एवं अजमेर के एक मरीज की मौत हो चुकी हैं। इन मरने वाले मरीजों में केवल तीन को छोड़कर शेष सभी बुजुर्ग हैं। इन मौतों में दो युवतियां भी शामिल हैं हालांकि वह कोरोना पॉजिटिव थी लेकिन मरने की वजह अलग रही थी।

इतने भर्ती, इतने गंभीर
पीबीएम के सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में १२० मरीज भर्ती हैं। इनमें से १०३ बीकानेर, श्रीगंगानगर-नागौर के चार-चार, चूरू, अजमेर व हरियाणा के तीन-तीन मरीज भर्ती हैं। आईसीयू में १५ मरीज हैं, जिनमें से १२ ऑक्सीजन और तीन बीआईपीएपी पर है। थर्ड फ्लोर में ६ मरीजी ऑक्सीजन पर हैं।

उम्र पुरुष महिला मौत प्रतिशत
१ ६ ४ ० ०
१-१० ११७ १०४ ० ५
११-२० ३४२ २२० २ १२
२१-३० ७३२ ३२० १ २३
३१-४० ६८८ ३२७ ६ २३
४१-५० ४७३ २२९ १० १६
५१-६० २९२ २१४ ३० १२
६०- २४९ १२४ ३२ ९
कुल २८९९ १५४२ ८१ ८९


गंभीर मरीज ठीक भी हुए
मरीज बढ़े हैं, जिससे भार बढ़ा है। बीकानेर में मृत्युदर राष्ट्रीय दर के बराबर १.६ ही है। जबकि रिकवरी रेट ८७ प्रतिशत सबसे बेहतर है। बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से उनको रिकवर करना मुश्किल होता है। प्लाज्मा, रेमडेसिविर व टैसिलिजूमैब दवाइयों से कई मरीज गंभीर स्थिति से सामान्य भी हुए हैं।
डॉ. शैतानसिंह राठौड़, प्राचार्य एसपी मेडिकल कॉलेज



source https://www.patrika.com/bikaner-news/corona-s-havoc-29-days-39-deaths-6370214/

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